भगवान राम की मूर्ति मिली तो लगाना पड़ा विवादित ढ़ांचे में ताला

अयोध्या के रामलला जन्मभूमि के संघर्ष में दो बार ऐसे विवाद भी हुए जिनके कारण न सिर्फ बड़ी हिंसा हुई बल्कि उक्त स्थान को हिंदू, मुस्लिम दोनों के लिए बंद कर दिया गया। बीतते समय के साथ अवध पुरी में हालात बिगड़ते रहे और कई बार हिंदू और मुस्लिम राम लला के जन्म स्थल, मंदिर और मस्जिद के मामले में आमने सामने हुए। लेकिन ये विवाद सबसे बड़े विवादों में से एक कहे जाते हैं। idol of Lord Ram was found आइए जानते हैं इनके बारे में –

इस तरह खत्म हुई शांति idol of Lord Ram was found

चबूतरा और मस्जिद पास-पास होने के बावजूद स्थिति सामान्य थी। दोनों ही धर्म के लोग मनमुटाव लेकर ही सही लेकिन खामोश थे और मामले का निपटारा होने की उम्मीद के साथ रह रहे थे। idol of Lord Ram was found लेकिन सन् 1934 में बकरीद के दिन ऐसी घटना हुई जिसने शांति खत्म कर दी। इस दिन अयोध्या के पास के गांव में गो हत्या का मामला सामने आया और हिंदू भड़क उठे। इसके बाद मस्जिद में तोड़-फोड़ तक कर दी गई जिसकी मरम्मत बाद में अंग्रेजों ने करवाई ताकि मामला आगे न बढ़े। जैसे – तैसे मामला शांत हुआ ।

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एक बार मुस्लिम आपस में भी भिड़े

1936 में एक नया विवाद सामने आया। यह विवाद हिंदू-मुस्लिम के बीच नहीं बल्कि शिया मुसलमानों और सुन्नी मुसलमानों के बीच हुआ। बाबरी मस्जिद के मालिकाना हक को लेकर दोनों पक्ष आमने-सामने हो गए थे। idol of Lord Ram was found इस मामले को भी बीच बचाव कर निपटाया गया तब जाकर मामला शांत हो पाया।

ram mandir

मूर्ति खुद प्रकट हुई या किसी ने रखी ?

राम जन्म भूमि विवाद अचानक एक ऐसे मोड़ पर पहुंच गया जिसकी कल्पना किसी ने नहीं की थी। बताया जाता है कि 3 सितंबर 1949 की सुबह विवादित ढांचे में रामलला की एक मूर्ति मिली। मूर्ति मिलने की खबर तेजी से पूरे हिंदुस्तान में फैलने लगी। idol of Lord Ram was found हिंदुओं में खुशी की लहर दौड़ पड़ी और इसे चमत्कार माना जाने लगा। हिंदू पक्ष का कहना था कि रामलला स्वयं प्रकट हुए हैं जबकि मुस्लिमों ने आरोप लगाया कि मूर्तियां रखी गई हैं। वाद विवाद फिर से हिंसा में बदलने लगा। स्थिति बिगड़ते देख इस पूरे मामले को विवादित घोषित कर दिया गया और विवादित ढांचे में ताला लगवा दिया गया। इस तरह इन दो घटनाओं के कारण पूरे अयोध्या मामले की दिशा बदल गई। कोर्ट के दावे और याचिकाएं अयोध्या मामले का दूसरा पक्ष था लेकिन प्रत्यक्ष रूप से इन घटनाओं के कारण हिंसा भड़की बल्कि विवादित ढ़ांचे में प्रवेश पर पाबंदी लगा दी गई।

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