धार्मिक स्थलसमाचार

सुप्रीम कोर्ट ने इसलिए दिया था राम मंदिर के लिए जमीन देने का फैसला

पुरातत्व विभाग द्वारा की जाने वाली जांच में मंदिर के अवशेष मिलने से पुख्ता हुआ था हिंदुओं का दावा

ram mandir ayodhya up मंदिर- मस्जिद के अध्कार की लड़ाई में सालों बीत गए और हिंसक घटनाओं के बीच दावों, विवादों, हिंसा का दौर चलता रहा और न्यायालय अपनी जांच करते रहे। 2019 में देश के सर्वोच्च न्यायालय ने हिंदुओं के पक्ष में फैसला सुनाते हुए विवादित जमीन राम मंदिर के लिए देने का जो आदेश दिया, उसके पीछे कई आधार थे।ram mandir ayodhya up उनमें से एक यह भी था कि विवादित जमीन की खुदाई करने पर वहां से मंदिर के अवशेष मिले थे।

दोनों पक्षों की कई याचिकाएं खारिज ram mandir ayodhya up

गौरतलब है कि इससे पहले हिंदुओं और मुस्लिमों के कई दावे, आपत्तियां खारिज हो चुके थे। 2003 मार्च में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से फिर विवादित स्थल पर पूजा पाठ करने की अनुमति मांगी थी लेकिन अनुमति नहीं मिली। यही नहीं इसी तरह की याचिकाएं मुस्लिम समुदाय की ओर से भी लगाई गई थी, लेकिन कोई परिणाम नहीं निकला।

इस तरह शुरू हुई निर्णायक कार्यवाही

दोनों पक्षों की तमाम बातें और दलीलें सुनने के बाद 2003 में हाईकोर्ट निर्णायक कार्यवाही शुरू की। ram mandir ayodhya up यह तय किया गया कि आखिरकार उस स्थान की जांच की जाना चाहिए जिसे लेकर सदियों से विवाद चल रहा है। कोर्ट के आदेश पर पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने विवादित स्थल की जांच शुरू की। ram mandir ayodhya up खुदाई की गई। विभाग ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि विवादित स्थल की खुदाई में मंदिर से मिलते-जुलते कई अवशेष मिले हैं। इस रिपोर्ट के बाद हिंदू धर्म के लोगों का दावा मजबूत होता चला गया और फिर दूसरे सबूतों को आधार बनाया गया।

Read More : प्रभु राम की अयोध्या : कई बार बसी, कई बार उजड़ी

धर्माचार्यों के बयान और साक्ष्य भी बने आधारram mandir ayodhya up

बताया जाता है कि सर्वोच्च न्यायालय ने कई आधारों पर मंदिर के हक में फैसला दिया। फैसले में भारतीय पुरातत्व विभाग की जांच का हवाला देते हुए कहा गया कि बाबरी मस्जिद का निर्माण किसी खाली जमीन पर नहीं किया गया था। ram mandir ayodhya up विवादित जमीन के नीचे एक ढांचा मिला जो इस्लामिक नहीं था।

shriram janambhoomi mandir ayodhya

विभाग की जांच को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। इस तरह सुप्रीम कोर्ट ने कैसे दिया मंदिर बनाने के लिए जमीन देने का फैसला दिया। सनातन धर्म की जीत हुई और ट्रस्ट बनाकर मंदिर बनाने का कार्य शुरू किया गया। अब इसी भव्य और दिव्य मंदिर में 22 जनवरी को रामलला विराजेंगे।

Read More : बाबर मस्जिद से किसने कहा था कि राम मंदिर तोड़ दो 

Read More : स्वर्ग जैसी राम नगरी कैसे फंसी मुगलों के चंगुल में, जानिए राम मंदिर अयोध्या के अनसुने रोचक तथ्य

Read More : श्रीराम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को लेकर उद्धव ठाकरे की मांग, जानिए क्या बोल दिया पीएम मोदी को लेकर

Related Articles

Back to top button