real story of Ram Mandir Ayodhya. राम मंदिर में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर पूरे देश में उत्साह और उमंग का माहौल है। नए मंदिर की भव्यता के साथ ही पुराने मंदिर और उसे तोड़ने की खबरों का बाजार भी गर्म है। हर रोज नए – नए तरीके से पुराने तथ्यों को लोगों तक पहुंचाया जा रहा है कि आखिर कैसे राम मंदिर की जगह मस्जिद बना दी गई या मंदिर को ही मस्जिद में तब्दील कर दिया गया। real story of Ram Mandir Ayodhya ऐसे में एक तथ्य बार – बार बताया जा रहा है कि मंदिर को बाबर के आदेश पर तोड़ा गया था और उसी के आदेश पर मस्जिद बनाई गई थी, इसलिए बाबरी मस्जिद नाम रखा गया था। लेकिन बाबर ने ऐसा क्यों किया आइए आपको बताते हैं . . .
अयोध्या पर लिखी गई किताब में है जिक्रreal story of Ram Mandir Ayodhya
इतिहासकारों के मुताबिक 1526 में भारत आए मुगल शासक मोहम्मद बाबर ने 1528 में अयोध्या में पैर जमाना शुरू किए। इसी साल उसने कई मंदिर तोड़े। इस दौर में ही अयोध्या में बने तीन बड़े मंदिर तोड़े गए जिनमें श्री राम की जन्म स्थान पर बनाया गया मंदिर भी तोड़ दिया गया। real story of Ram Mandir Ayodhya कहा जाता है कि बाबर ने अपने सेनापति मीर बाकी को मंदिर तोड़ने और मस्जिद बनाने का आदेश दिया था। लेकिन बाबर ने भी ऐसा किसी के कहने पर किया था। इसका जिक्र इतिहास पर लिखी गई एक किताब में मिलता है।
1932 में प्रकाशित हुई किताब का तथ्य भी चर्चा में real story of Ram Mandir Ayodhya
मंदिर तोड़ मस्जिद बनाने की घटना का वर्णन अलग-अलग दस्तावेजों में अलग-अलग तरह से किया गया है। real story of Ram Mandir Ayodhya एक चर्चा सन् 1932 में प्रकाशित हुई किताब ‘अयोध्या- ए हिस्ट्री” को लेकर भी है। कुछ मीडिया हाउस ने अपनी खबरों में इस बात का उल्लेख किया है कि इस किताब में लेखक लाला सीताराम ने लिखा है कि 1528 में फकीर फजल कलंदर के कहने पर बाबर ने अपने सेनापति मीर बाकी को अयोध्या में राम जन्म स्थान पर बने मंदिर को तोड़कर मस्जिद बनाने का आदेश दिया था।
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इसके बाद मूर्ति गायब हो जाने का वर्णनreal story of Ram Mandir Ayodhya
इतिहास की जानकारी देने वाली इस किताब के साथ ही अन्य दस्तावेजों में भी इस घटना का जिक्र किया गया है लेकिन स्पष्ट नामों का उल्लेख नहीं किया गया क्योंकि इस बेहद पुराने के कोई पुख्ता प्रमाण नहीं है। real story of Ram Mandir Ayodhya उल्लेखित किताब में यह भी लिखा गया कि सेनापति मीर बाकी 17 दिनों तक हिंदुओं से लड़ने के बाद मंदिर में घुस पाया था। इस बात के संकेत भी दिए जाते हैं किताब भगवान राम की मूर्ति वहां से अदृश्य हो चुकी थी।
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इसके बाद से चल रहा विवाद real story of Ram Mandir Ayodhya
कुछ अंग्रेजी दस्तावेजों में मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाने की घटना का वर्णन किया गया है। लेकिन तोड़ा गया मंदिर कब बना था, इसका कोई स्पष्ट उल्लेख नहीं है। real story of Ram Mandir Ayodhya तब से लेकर सैकड़ों साल बाद तक हिंदू यह दावा करते रहे कि मंदिर को तोड़कर बाबरी मस्जिद बनाई गई है जबकि मुस्लिम यहां खुद का अधिकार बताते रहे। इसके बाद समय बितता रहा और अधिकार का विवाद गहराता गया। 2019 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा हिंदू पक्ष में फैसला सुनाए जाने के बाद अब मंदिर बना है और रामलला विराजेंगे।