संत श्री अच्युतानन्द दास एक ऐसे महान संत हैं जिनकी भविष्यवाणियाँ समय के साथ और भी सटीक साबित हुई हैं। उनकी भविष्यवाणियों को पढ़कर यह महसूस होता है कि उन्होंने भविष्य को कई साल पहले ही देख लिया था। वे भूत, वर्तमान और भविष्य को एक साथ देख सकते थे। उनकी एक महत्वपूर्ण पुस्तक है, “भविष्यमालिका”, जिसमें उन्होंने भविष्य के बारे में कई अहम बातें लिखी हैं। यह पुस्तक उडीया भाषा में है, और अब इसे हिंदी में ट्रांसलेट किया जा रहा है।
संत श्री अच्युतानन्द दास ने अपनी भविष्यवाणियों में कई महत्वपूर्ण घटनाओं का जिक्र किया है। उन्होंने बताया है कि कल्कि अवतार कब होंगे, दुनिया के अंत से पहले क्या स्थिति होगी, और दुनिया का अंत कैसे होगा। उन्होंने यह भी भविष्यवाणी की कि भारत का अंतिम राजा कैसा होगा, चीन, अमेरिका और रूस की स्थिति क्या होगी, और भारत का भविष्य क्या होगा। इसके अलावा, तीसरे विश्व युद्ध के बारे में भी उन्होंने भविष्यवाणी की है, और यह बताया है कि इसके बाद संसार का पुनर्निर्माण कैसे होगा।
विडंबना यह है कि हम नास्त्रेदमस और बाबा वेंगा जैसी विदेशी भविष्यवक्ताओं की भविष्यवाणियाँ तो सुनते हैं, लेकिन अपने देश के महान संतों की भविष्यवाणियों के बारे में हमें बहुत कम जानकारी है। संत अच्युतानन्द दास की भविष्यवाणियाँ 100 प्रतिशत सत्य साबित हुई हैं, और आगे भी यह सत्य होने की संभावना है।
दोस्तों, इस पुस्तक को हिंदी में ट्रांसलेट करके हम आपके सामने प्रस्तुत कर रहे हैं। अगर आप इस विषय में और जानना चाहते हैं, तो वीडियो को अंत तक देखें और चैनल को सब्सक्राइब करें। इसके साथ ही कमेंट करके हर हर महादेव जरुर लिखें
कलयुग का अंत: संत अच्युतानंददास ने भविष्य मालिका में भविष्यवाणी की थी कि कलयुग का अंत एक महाविनाश के साथ होगा, जिसमें समाज में भ्रष्टाचार, धर्म का पतन और असमर्थ नेताओं का उदय होगा। इस अंत के दौरान प्राकृतिक आपदाओं, युद्धों और अन्य विनाशकारी घटनाओं का सामना करना होगा।
संत ने भविष्यवाणी की थी कि 2022 से 2027 के बीच दुनिया में बड़े प्राकृतिक आपदाएँ आएंगी, जैसे कि भूकंप, बाढ़, सूखा, और अत्यधिक गर्मी। इन आपदाओं के कारण पृथ्वी का तापमान बढ़ेगा और जल संकट पैदा होगा।
2025 में तीसरे विश्व युद्ध की भविष्यवाणी की गई थी, जो महाशक्तिशाली देशों के बीच होगा। इस युद्ध में परमाणु हथियारों का इस्तेमाल किया जाएगा और पूरी दुनिया में भारी विनाश होगा। युद्ध के बाद भारत एक विजेता राष्ट्र के रूप में उभरेगा।
संत अच्युतानंददास ने भविष्यवाणी की थी कि इस युद्ध के बाद भारत एक शक्तिशाली राष्ट्र के रूप में उभरेगा, और भारत का नेतृत्व एक महान हिंदू शासक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों में होगा। इस विजय के बाद भारत दुनिया का नेतृत्व करेगा और सनातन धर्म का प्रचार होगा।
कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के बाद, भारत ने पाकिस्तान पर हमला कर जीत हासिल करने की भविष्यवाणी की थी। इसके बाद पाकिस्तान को भारत में मिला लिया जाएगा। इस जीत के बाद भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विश्व गुरु के रूप में जाने जाएंगे।
संत अच्युतानंददास के अनुसार, जब दुनिया में युद्ध, प्राकृतिक आपदाएँ और महाविनाश बढ़ेंगे, तब भगवान कलकी का अवतार होगा। भगवान कलकी के नेतृत्व में, दुनिया में शांति स्थापित होगी, और भारत एक आदर्श राष्ट्र के रूप में उभरेगा।
इन भविष्यवाणियों का सत्यापन समय के साथ होता जा रहा है और वर्तमान में घटित हो रही घटनाओं के आधार पर यह स्पष्ट हो रहा है कि संत अच्युतानंददास की भविष्यवाणियाँ 100 प्रतिशत सत्य हो सकती हैं।
ओडिशा के महान संत अच्युतानंददास महाराज की लिखी हुई भविष्य मालिका, जो लगभग 500 साल पहले ओडिशा में रची गई थी, आजकल काफी चर्चा में है। इस ग्रंथ में उन घटनाओं की भविष्यवाणी की गई है जो वर्तमान समय में घट रही हैं और आने वाले समय में घटने की संभावना जताई गई है। यह ग्रंथ भविष्यवाणी करने वाले अन्य ग्रंथों से इसलिए अलग माना जाता है क्योंकि इसकी भविष्यवाणियों की सटीकता को समय-समय पर प्रमाणित किया गया है।
संत अच्युतानंददास ने भविष्य मालिका में भविष्य के बारे में जो बातें लिखी थीं, वे आज के समय से काफी मेल खाती हैं। भविष्य मालिका के अनुसार, इस ग्रंथ में तीन मुख्य भागों में भविष्यवाणियां की गई हैं – भविष्य, वर्तमान और कलयुग का अंत। इन भविष्यवाणियों में प्राकृतिक आपदाओं, महाविनाश, तीसरे विश्व युद्ध और अन्य घटनाओं के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई है।
भविष्य मालिका को ओडिशा के पंच सखा ने मिलकर रचा था। पंच सखा में पाँच महान संतों का योगदान था। इनमें से संत अच्युतानंददास, संत अनंतदास, संत जसोबन्तदास, संत जगन्नाथदास और संत बलरामदास शामिल हैं। इन संतों ने ओडिशा की वैष्णव परंपरा को नया रूप दिया और आध्यात्मिक साहित्य और दर्शन को एक नई दिशा दी। पंच सखा की यह रचनाएँ आज भी समाज में प्रभावी मानी जाती हैं।
संत अच्युतानंददास की विशेषता थी कि वे भविष्य, वर्तमान और भूतकाल के बारे में अचूक ज्ञान रखते थे। कहा जाता है कि उनकी लिखी भविष्यवाणियाँ आज तक सही साबित हो रही हैं। भविष्य मालिका के अनुसार, उन्होंने कलयुग के अंत और महाविनाश की घटनाओं को बहुत स्पष्ट रूप से बताया था। उन्होंने यह भी कहा था कि समाज में भ्रष्टाचार, धर्म का नाश, और असमर्थ नेताओं का उदय होगा, जिससे समाज में अस्थिरता फैलेगी।
भविष्य मालिका के अनुसार, कलयुग का अंत समाज में बुरी घटनाओं के माध्यम से होगा। इस अंत के दौरान, लोग धर्म से दूर हो जाएंगे और अधर्म को स्वीकार करने लगेंगे। लोग अपने पुराने ज्ञान और संस्कृति को भूल जाएंगे और फर्जी बाबाओं के झांसे में फंसकर अपनी आस्था खो देंगे। सामाजिक अस्थिरता बढ़ेगी, भ्रष्टाचार और अपराध के मामले बढ़ेंगे, और लोग गलत रास्तों से धन अर्जित करेंगे।
संत अच्युतानंददास ने भविष्य मालिका में यह भी कहा था कि जब कलयुग का अंत आएगा,
तो कृषि का काम ठप हो जाएगा और किसान खेती से विमुख हो जाएंगे। इसके अलावा, मौसम का चक्र बदल जाएगा और अत्यधिक गर्मी बढ़ेगी। प्राकृतिक आपदाएं, जैसे बाढ़, सूखा और साइक्लोन, अधिक होने लगेंगे। जंगली जानवर अपने इलाकों से बाहर आकर गांवों और शहरों में घुस जाएंगे। इससे यह स्पष्ट होगा कि महाविनाश का समय आ चुका है।
महाविनाश के लक्षणों के बारे में संत अच्युतानंददास ने विस्तार से बताया है। भविष्य मालिका के अनुसार, जब जंगली जानवर गांवों और शहरों में हमला करेंगे, तो यह संकेत होगा कि महाविनाश निकट है। किसान अपनी खेती छोड देंगे और भयानक बाढ़ के कारण लोग पानी की कमी से जूझेंगे। समुद्र का जल स्तर बढ़ जाएगा और कई तटीय इलाके समुद्र में समा जाएंगे।
संत अच्युतानंददास ने यह भी कहा था कि जब महाविनाश होगा, तो भगवान जगन्नाथ के मंदिर का अपमान होगा और मंदिर का झंडा बार-बार गिरेगा। ओडिशा के पुरी में स्थित भगवान जगन्नाथ मंदिर का बडा पत्थर गिरेगा और मंदिर की परंपराओं में अव्यवस्था होगी। इसके बाद, ओडिशा के आखिरी राजा का नाम गजपति महाराज होगा। इसके बाद के समय में, जब समुद्र की लहरें शहरों और गांवों में घुसेंगी, तब यह संकेत होगा कि महाविनाश की शुरुआत हो चुकी है।
संत अच्युतानंददास ने भविष्य मालिका में यह भी भविष्यवाणी की थी कि 2022 से 2027 के बीच दुनिया में बडी प्राकृतिक आपदाएं आएंगी। इन आपदाओं में भूकंप, बाढ़, सूखा और गर्मी जैसी घटनाएं शामिल होंगी। भविष्य मालिका के अनुसार, यह आपदाएं अप्रत्याशित और खतरनाक होंगी। धरती का तापमान बढ़ जाएगा और ग्लेशियर पिघलने लगेंगे। नदियों का पानी कम हो जाएगा, और पृथ्वी पर जल संकट उत्पन्न होगा। खेती को नुकसान होगा और दुनिया भर में पानी की कमी के कारण लोग परेशान होंगे।
संत अच्युतानंददास ने यह भी भविष्यवाणी की थी कि भूकंपों का एक सिलसिला शुरू होगा, जो जनवरी 2023 से लेकर दिसंबर 2023 तक लगातार चलता रहेगा। इस दौरान, कई बड़े भूकंप आएंगे, जिनसे भारी नुकसान होगा। साथ ही, साइक्लोन की हवाएं और जंगलों में आग लगने की घटनाएं भी बढ़ेंगी। इस आग के कारण पर्यावरण में असंतुलन होगा और बहुत से जंगल जलकर नष्ट हो जाएंगे।
भविष्य मालिका में तीसरे विश्व युद्ध की भविष्यवाणी भी की गई थी। संत अच्युतानंददास के अनुसार, तीसरा विश्व युद्ध 2025 में शुरू होगा। यह युद्ध महाशक्तिशाली देशों के बीच होगा और इसके कारण पूरी दुनिया में भारी विनाश होगा। युद्ध के दौरान परमाणु हथियारों का इस्तेमाल किया जाएगा, जिससे पूरी दुनिया में तबाही होगी। संत अच्युतानंददास ने भविष्यवाणी की थी कि यह युद्ध छह साल छह महीने तक चलेगा।
तीसरे विश्व युद्ध के कारण दुनिया दो हिस्सों में बंट जाएगी। भारत इस युद्ध में 13 महीने बाद शामिल होगा, और युद्ध के अंत में भारत विजयी होगा। इस युद्ध के दौरान, पाकिस्तान और चीन समेत कई इस्लामिक देशों का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा और वे भारत के सामने आत्मसमर्पण कर देंगे। भारत के इस युद्ध में जीत के बाद, एक अखंड भारत का उदय होगा।
भविष्य मालिका के अनुसार, जब दुनिया में युद्ध, प्राकृतिक आपदाएं और महाविनाश बढ़ेंगे, तब भगवान कलकी का अवतार होगा। भगवान कलकी इस युद्ध में प्रमुख भूमिका निभाएंगे और दुश्मनों का नाश करेंगे। उनके अवतार के बाद, भारत विजय प्राप्त करेगा और दुनिया में शांति स्थापित होगी।
भविष्य मालिका ओडिशा के महान संत अच्युतानंददास द्वारा रचित एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है, जिसमें कलयुग के अंत और भविष्य के कुछ महत्वपूर्ण घटनाओं का विस्तृत वर्णन किया गया है। इस ग्रंथ में भविष्य के कई भयंकर लक्षणों की भविष्यवाणी की गई है, जो वर्तमान में घटित हो रही घटनाओं के अनुरूप प्रतीत होते हैं। इसमें सबसे प्रमुख बात यह कही गई है कि जब कलयुग का अंत होगा, तो समाज में बुरी घटनाओं का होना निश्चित होगा। यह घटनाएं धर्म के पतन, भ्रष्टाचार, और प्राकृतिक आपदाओं से जुडी हुई होंगी।
संत अच्युतानंददास ने अपनी भविष्यवाणियों में यह बताया था कि कलयुग के अंत का समय न केवल समाज के लिए खतरनाक होगा, बल्कि यह एक भयानक महाविनाश का कारण बनेगा। इस महाविनाश में प्राकृतिक आपदाएं, युद्ध और सामाजिक अस्थिरता जैसी घटनाएं घटित होंगी, और ये सब घटनाएं दुनिया को एक नए युग में प्रवेश करवाने के लिए प्रेरित करेंगी। संत ने भविष्य मालिका में विशेष रूप से इस बात का उल्लेख किया है कि जब यह समय आएगा, तो दुनिया में धार्मिक अस्थिरता होगी, लोग अपने पुराने ज्ञान और संस्कृतियों को भूल जाएंगे, और अधर्म का प्रचार होगा।
कलयुग का अंत समाज में कई प्रकार की बुरी घटनाओं के साथ होगा। संत अच्युतानंददास ने यह बताया था कि जब कलयुग का अंत आएगा, तो सबसे पहले धर्म का पतन होगा। लोग धर्म से दूर हो जाएंगे और अधर्म को स्वीकार करेंगे। समाज में धर्म का पालन करने वाले लोग बहुत कम रह जाएंगे। इसका परिणाम यह होगा कि लोग अपने जीवन को धर्म की बजाय भौतिक सुखों और संपत्ति की प्राप्ति के लिए समर्पित कर देंगे। यह स्थिति समाज में बढ़ते भ्रष्टाचार, अपराध और अन्याय को जन्म देगी।
भविष्य मालिका में वर्णन किया गया है कि लोग अपने पुराने ज्ञान और संस्कृति को भूल जाएंगे। ऐसे समय में, फर्जी बाबाओं और धार्मिक गुरुओं का वर्चस्व बढ़ेगा। लोग अपनी धार्मिक आस्थाओं को खो देंगे और दूसरों के झांसे में आकर अपने जीवन की दिशा बदल देंगे। फर्जी बाबाओं का सत्ता में बढ़ता प्रभाव समाज में भय और भ्रम की स्थिति पैदा करेगा। लोग इन बाबाओं के बहकावे में आकर अपनी आस्था खो देंगे और धार्मिक विश्वासों का उल्लंघन करेंगे। इस दौरान समाज में अपार अस्थिरता का माहौल बनेगा, और सरकार और धार्मिक संस्थाओं के बीच संघर्ष बढ़ेगा।भविष्य मालिका में यह भी कहा गया है कि कलयुग के अंत के समय समाज में भ्रष्टाचार और अपराध के मामले तेजी से बढ़ेंगे। लोग गलत रास्तों से धन अर्जित करेंगे और अपनी सुख-संपत्ति को बढ़ाने के लिए अनैतिक और अमानवीय तरीकों का सहारा लेंगे। सरकारी तंत्र और न्यायपालिका में भ्रष्टाचार फैल जाएगा, और अपराधियों का वर्चस्व बढ़ जाएगा। इस समय, कानून और व्यवस्था का पतन होगा, और सरकार इन मुद्दों को नियंत्रित करने में असफल रहेगी। लोग अपनी स्वार्थी इच्छाओं की पूर्ति के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं, और समाज में भ्रामकता, हिंसा और आपसी संघर्ष उत्पन्न होंगे।
धन की अधिकता और समृद्धि का उद्देश्य अब मानवता नहीं, बल्कि केवल व्यक्तिगत स्वार्थ हो जाएगा। इस दौर में, समाज के वंचित वर्गों को पूरी तरह से नजरअंदाज किया जाएगा, और संसाधनों का भारी असंतुलन होगा। यह समाज के भीतर गहरे विघटन और असहमति को जन्म देगा। बुरी प्रवृत्तियों के बढ़ने के कारण समाज में अस्थिरता का माहौल बनेगा।
भविष्य मालिका में यह भी भविष्यवाणी की गई है कि कलयुग के अंत के समय कृषि का कार्य ठप हो जाएगा। जब कलयुग का अंत आएगा, तो किसान खेती करने में रुचि नहीं दिखाएंगे और कृषि कार्य में गिरावट आएगी। खेती का काम असंभव सा हो जाएगा क्योंकि मौसम के चक्र में बदलाव हो जाएगा। मौसम में उतार-चढ़ाव और अत्यधिक गर्मी का प्रभाव बढ़ेगा। इससे कृषि उत्पादन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा, और दुनिया भर में खाद्य संकट उत्पन्न होगा। किसानों की असमर्थता के कारण, खाद्य सामग्री की कमी होगी, जो लोगों के लिए एक गंभीर समस्या बन जाएगी।
इसके अलावा, संत अच्युतानंददास ने यह भी बताया कि प्राकृतिक आपदाओं का सिलसिला बढ़ेगा। जैसे-जैसे समय बढ़ेगा, बाढ़, सूखा और साइक्लोन जैसी घटनाओं की संख्या बढ़ेगी। इन प्राकृतिक आपदाओं के कारण भारी नुकसान होगा, और लोग अपने घरों को छोडकर भागने पर मजबूर होंगे। इसके परिणामस्वरूप, दुनियाभर में विस्थापन और शरणार्थियों का संकट बढ़ जाएगा। जंगलों में आग लगने और जलवायु परिवर्तन के कारण, पृथ्वी पर जीवन जीने की स्थिति कठिन हो जाएगी। भविष्य मालिका में संत अच्युतानंददास ने महाविनाश के संकेतों को भी स्पष्ट रूप से बताया है।
महाविनाश के समय, प्राकृतिक आपदाओं और युद्धों के कारण धरती पर भारी तबाही मचेगी। जंगली जानवर अपने घरों से बाहर निकलेंगे और गांवों और शहरों में घुस जाएंगे। लोग अपने जीवन की रक्षा के लिए जूझेंगे, और दुनिया में अराजकता का माहौल होगा।
इस महाविनाश के समय, भगवान कलकी का अवतार होगा। भगवान कलकी, जो भगवान विष्णु के दसवें अवतार के रूप में जाने जाएंगे, इस समय आएंगे जब दुनिया में अराजकता और बुराई का बोलबाला होगा। भगवान कलकी का उद्देश्य इस बुराई का नाश करना होगा और धर्म की पुनः स्थापना करनी होगी। वे इस युद्ध में प्रमुख भूमिका निभाएंगे और बुराई के खिलाफ लडाई लड़ेंगे। भगवान कलकी का अवतार युद्ध के रूप में होगा, जिसमें वे अपने दिव्य शक्तियों के माध्यम से दुश्मनों का नाश करेंगे।
भगवान कलकी का अवतार एक ऐसा समय होगा जब दुनिया में शांति और न्याय की स्थापना होगी। इस युद्ध के बाद, भारत विजय प्राप्त करेगा और दुनिया में शांति स्थापित होगी। दुनिया के सारे बुरे लोग पराजित होंगे, और धर्म का पुनः उदय होगा। भगवान कलकी के अवतार के बाद, भारत पूरी दुनिया में सबसे शक्तिशाली राष्ट्र बन जाएगा और दुनिया को एक नया मार्ग दिखाएगा।
भगवान कलकी के अवतार के बाद, भारत दुनिया का नेतृत्व करेगा। संत अच्युतानंददास के अनुसार, भारत एक शक्तिशाली राष्ट्र के रूप में उभरेगा और दुनिया के लिए एक आदर्श प्रस्तुत करेगा। इस समय, भारत का शासन लोकतंत्र से भी आगे होगा और एक उत्तम व्यवस्था होगी। सनातन धर्म का प्रचार पूरी दुनिया में होगा, और दुनिया के लोग इस धर्म को अपनाएंगे।
भारत का विजय का मार्ग आसान नहीं होगा। भगवान कलकी के नेतृत्व में, भारत को कई कठिनाइयों का सामना करना होगा। लेकिन इस संघर्ष के बाद, भारत एक शक्तिशाली राष्ट्र के रूप में उभरेगा। भगवान कलकी के आने से, दुनिया में धर्म का पुनर्निर्माण होगा और समृद्धि का नया युग शुरू होगा।
भविष्य मालिका की भविष्यवाणियां संत अच्युतानंददास के समय में लिखी गई थीं, लेकिन आजकल के घटनाक्रम और परिस्थितियों के बीच इन भविष्यवाणियों का सत्यापन होता जा रहा है। यह ग्रंथ हमें यह संदेश देता है कि जब समाज में भ्रष्टाचार, अस्थिरता और अधर्म का वर्चस्व बढ़ेगा, तो भगवान कलकी का अवतार होगा और वे दुनिया में शांति और धर्म की स्थापना करेंगे।
इस प्रकार, भविष्य मालिका का संदेश स्पष्ट है – एक नया युग आएगा, जिसमें भारत का नेतृत्व होगा और दुनिया में धर्म और सत्य की पुनः स्थापना होगी। यह युग परिवर्तन भारत के नेतृत्व में होगा, और यही भारतीय संस्कृति की विजय का समय होगा।
भविष्य मालिका के अनुसार, तीसरे विश्व युद्ध के बाद भारत एक शक्तिशाली राष्ट्र के रूप में उभरेगा। भारत के नेतृत्व में एक अखंड भारत का निर्माण होगा, जो पूरी दुनिया का मार्गदर्शन करेगा। इसके बाद, दुनिया भर में सनातन धर्म का प्रचार होगा और हर जगह केवल सनातन धर्म ही होगा। भारत के प्रधानमंत्री एक शक्तिशाली हिंदू शासक होंगे, और भारत की राजनीति और समाज व्यवस्था में महत्वपूर्ण बदलाव आएगा।