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2022 में खूब बरसेगा मानसून, इस बार मानसून के समय से पहले पहुंचने और सामान्य से अधिक वर्षा होने की संभावना

पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि सूर्य जब आद्रा नक्षत्र में प्रवेश करता है तो उसी समय बारिश के मौसम का आगमन माना जाता है।

इस साल 2022 में ग्रह नक्षत्र भी अच्छी बारिश का संकेत दे रहे हैं। वहीं ग्रहों की दशा व दिशा इस साल समय पर मानसून के आने का संकेत दे रही हैं। जिसके चलते पूरे देश में कुछ हिस्सों को छोड़कर खूब पानी बरसेगा। इस वर्ष 2022 में आद्रा का प्रवेश धनु लग्न में हो रहा है। वहीं लग्नेश गुरु सुख भाव में जल राशि में हैं जबकि चंद्रमा भी जल राशि में हैं। ऐसे में इस साल अच्छी बारिश के संकेत साफ दिख रहे हैं। पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि सूर्य जब आद्रा नक्षत्र में प्रवेश करता है तो उसी समय बारिश के मौसम का आगमन माना जाता है। इसके अलावा रोहणी का वास भी समुद्र किनारे है, जिसके प्रभाव से भी मानसून समय पर ही देशभर में छाएगा। जून 2022 में मानसून के आगमन से पूर्व पहले 15 दिन तेज गर्मी रहेगी। जिससे उत्तरी भारत गर्मी से झूलसेगा। वहीं 15 जून के बाद मानसून का आगमन होगा। वहीं समुद्र किनारे बसे शहरों में आगामी दिनों तक अच्छी बारिश हो सकती है।

ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि जुलाई 2022 के पूरे माह बारिश के योग हैं। इसमें 2 4 5, 8 10 11, 16 से 19 और 27 28 29 तरीखों के बीच अच्छी बारिश की संभावना है। अगस्त 2022 में देश के पहाड़ी क्षेत्रों में जोरदार बारिश की संभावना है। वहीं इस दौरान मैदानी इलाकों में भी तेज हवा के साथ बारिश हो सकती है। इस महीने में 15 दिन बारिश के आसार है। सितंबर 2022 में बारिश विदाई से पहले एक बार फिर जोर पकड़ेगी। जिसके चलते 3 से 5, 9 10 11, 13 से 15 व 22 24 26 29 सितंबर की तारीखों के बीच कई स्थानों पर जोरदार बारिश के योग बन रहे हैं। इसके कारण कई प्रमुख नदियों में बाढत के हालात का निर्माण हो सकता है। अक्टूबर 2022 में भी कुछ दिन बारिश के योग बन रहे हैं। भले ही ये ज्यादा नहीं होंगे, लेकिन बारिश के बाद सर्दी जोर पकड़ेगी। नवंबर 2022 के प्रारंभ के दो दिन और मध्य व अंत के तीन दिनों में बारिश के योग हैं। इस दौरान पहाड़ी क्षेत्रों में हिमपात शुरु हो जाएगा, जिससे देशभर में मौसम सर्द हो जाएगा।

ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि ज्योतिष में गुरु, शुक्र, चंद्रमा और बुध को जलीय ग्रह माना जाता है। बरसात के मौसम में या उससे कुछ पूर्व यह शुभ ग्रह यदि सूर्य के आगे या पीछे हों और कोई पाप ग्रह (शनि, मंगल, राहु और केतु) सूर्य के आगे गोचर न कर रहा हो तब वर्षा समय पर या समय से पूर्व हो सकती है। भारत में दक्षिण पश्चिम मानसून सामान्यतः 1 जून तक केरल में पहुंचता है, 10 जून तक समूचे दक्षिण भारत को भिगोता हुआ मुंबई तक पहुंचता है, 15 जून तक रायपुर तथा पटना तक मानसून पहुंच जाता है और लगभग 1 जुलाई तक दिल्ली और 15 जुलाई तक समूचे भारत को मानसून बारिश से सराबोर कर देता है। यह मानसून के बरसने की समयावधि मौसम विभाग की दीर्घकालीन औसत पर आधारित है। किन्तु हर वर्ष मानसून इन सामान्य तिथियों तक नहीं पहुंच पाता, क्योंकि अलग-अलग वर्षों में बदलती ग्रह स्थिति और मौसम के अन्य कारक वर्षा के समय को आगे या पीछे ले जाते हैं। इस वर्ष की ज्योतिषीय गणना मानसून के समय से पहले पहुंचने तथा सामान्य से अधिक वर्षा होने की संभावना को दिखा रहे हैं।

समय से पहले मानसून आने का इशारा

विश्वविख्यात भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि इस वर्ष वैशाख और ज्येष्ठ के महीनों में सूर्य से अगली राशियों में किसी पाप ग्रह का गोचर नहीं हो रहा है जो मानसून के अपने तय समय से पूर्व पहुंचने का अच्छा ज्योतिषीय योग है l 15 मई को सूर्य के वृषभ राशि में प्रवेश की कुंडली में बुध की युति सूर्य के साथ है तथा सूर्य से पीछे मेष राशि में राहु तथा मीन में शुक्र और गुरु मानसून के तय समय 1 जून, से कुछ पहले केरल में पहुंचने का संकेत दे रहे हैं l मंगल भी गोचर में 17 मई को मीन राशि में चले आएंगे। यहां उनकी युति जलीय ग्रह गुरु से होगी। मंगल मीन राशि में 45 दिनों तक गोचर करेंगे , इस समय अवधि में मानसून के अपने तय समय से मुंबई (10 जून), रायपुर तथा पटना (15 जून) और दिल्ली (1 जुलाई) से कुछ पूर्व पहुंचने की संभावना दिखती है।

सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना

विश्वविख्यात भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि प्रायद्वीपीय भारत के उत्तरी भाग, मध्य भारत, हिमालय की तलहटी और उत्तर-पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों में सामान्य या सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है। पूर्वोत्तर भारत के कई हिस्सों, उत्तर-पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों और दक्षिणी प्रायद्वीप के दक्षिणी हिस्सों में सामान्य से कम बारिश होने की संभावना है। गत वर्ष 2021 में जून से सितंबर के बीच चार महीने के दक्षिण-पश्चिम मानसून के मौसम के दौरान देश में ‘‘सामान्य” वर्षा हुई थी। लगातार तीसरे वर्ष देश में सामान्य या सामान्य से अधिक बारिश दर्ज की गई थी। 2019 और 2020 में बारिश सामान्य से अधिक हुई थी। सूर्य के मिथुन राशि में आर्द्र नक्षत्र में प्रवेश के समय बनने वाली कुंडली से मानसून (जून से सितंबर) की समयावधि में वर्षा के परिमाप का आंकलन किया जाता है l भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया किसूर्य आर्द्र नक्षत्र में 22 जून को दोपहर 11 बजकर 44 मिनट पर भारतीय मानक समय के अनुसार प्रवेश करेंगे तब बुधवार, कृष्ण नवमी तिथि, रेवती नक्षत्र तथा शोभन नाम का योग बन रहा होगा l सिंह लग्न की कुंडली में चंद्रमा मीन राशि में गुरु और मंगल के साथ अष्टम भाव (विनाश) में युत होकर असामान्य वर्षा से जन-धन की हानि का योग बना रहे होंगे l आर्द्र नक्षत्र में प्रवेश के समय सूर्य पर मंगल की दृष्टि उत्तर भारत में जून के महीने में सामान्य से अधिक गर्मी पड़ने का योग है l बाद में 16 जुलाई को सूर्य के कर्क राशि में प्रवेश के समय मंगल और शनि की सूर्य पर दृष्टि आसामान्य वर्षा से जन-धन की हानि का योग बना रही है l इस वर्ष 15 जुलाई से लेकर 30 अगस्त तक के बीच गंगा, यमुना, आदि नदियों से देश के बड़े भूभाग में बाढ़ का खतरा रहेगा।

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