गठबंधन का कब्रिस्तान बना बिहार? कौन जीतेगा, कौन हारेगा??

नीतीश कुमार के बार-बार गठबंधन बदलने से विपक्ष कमजोर हुआ है। उनके इस कदम से विपक्ष एकजुट नजर नहीं आ रहा है। नीतीश कुमार ने पहले बीजेपी के साथ गठबंधन किया था, फिर राजद के साथ। अब वह फिर से बीजेपी के साथ आ गए हैं। नीतीश कुमार का यह कदम इस बात को दर्शाता है कि विपक्ष में एकजुटता नहीं है। उनके इस कदम से एनडीए को मजबूती मिली है।

 

 

विपक्ष को मजबूत बनाने के लिए सभी विपक्षी पार्टियों को एक साथ आना होगा। लेकिन ऐसा होता नहीं दिख रहा है। कांग्रेस पार्टी कमजोर हो गई है और क्षेत्रीय पार्टियां अपनी-अपनी स्वार्थ की राजनीति कर रही हैं। इससे विपक्ष कमजोर हुआ है और मोदी सरकार को चुनौती देने में असमर्थ नजर आ रहा है।