भाद्रपद माह में पूर्णिमा पर कर लेना ये एक काम, पंडित प्रदीप मिश्रा भी शिवजी को ऐसे ही करते हैं प्रसन्न
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पूर्णिमा के दिन चंद्र देव के अलावा मां लक्ष्मी की विधिवत पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होगी। इसके साथ ही पितृपक्ष की आरंभ हो रहे हैं।
हिंदू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास की पूर्णिमा के दिन स्नान दान का विशेष महत्व है। इसे भादौ पूर्णिमा भी कहा जाता है। इस साल भाद्रपद पूर्णिमा का स्नान दान 29 सितंबर को किया जा रहा है। इसके साथ ही पितृपक्ष भी आरंभ हो रहे हैं। शास्त्रों में पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व है, क्योंकि इस दिन चंद्रमा 16 कलाओं से परिपूर्ण होता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पूर्णिमा के दिन चंद्र देव के अलावा मां लक्ष्मी की विधिवत पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होगी। इसके साथ ही पितृपक्ष की आरंभ हो रहे हैं। ऐसे में भाद्रपद पूर्णिमा के दिन कुछ खास उपाय करके आप सुख-समृद्धि के साथ धन-संपदा पा सकते हैं। जानें इन उपायों के बारे में।
भाद्रपद पूर्णिमा पर बन रहा दुर्लभ योग Bhadrapad Purnima 2023
इस साल भाद्रपद पूर्णिमा पर दुर्लभ योग बन रहा है। हिंदू पंचांग के अनुसार 29 सितंबर को रात 11 बजकर 18 मिनट से 30 सितंबर 2023 को सुबह 06 बजकर 13 मिनट तक सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग रहेगा। इससके साथ ही आज आज रात ब जकर 3 मिनट तक वृद्धि योग रहेगा और 30 सितंबर को शाम 04 बजकर 27 मिनट तक धुव्र योग रहेगा। इसके साथ ही पूर्णिमा तिथि शुक्रवार के दिन पड़ रही है। शुक्रवार का दिन मां लक्ष्मी का माना जाता है।
मां लक्ष्मी को चढ़ाएं लाल फूल Bhadrapad Purnima 2023
पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए उन्हें कमल के फूल या फिर लाल रंग के फूल अर्पित करें। ऐसा करने से मां लक्ष्मी अति प्रसन्न होती है।
खीर का भोग Bhadrapad Purnima 2023
भाद्रपद पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी को केसर युक्त खीर का भोग लगाना काफी शुभ माना जाता है। इस दिन मां लक्ष्मी को खीर का भोग लगाने के साथ प्रसाद के रूप में हर किसी को बांट दें। ऐसा करने से मां लक्ष्मी अति प्रसन्न होती है और आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।
करें ये पाठ Bhadrapad Purnima 2023
मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए पूर्णिमा तिथि को कनकधारा स्त्रोत का पाठ करें।
करें चंद्र देव की पूजा Bhadrapad Purnima 2023
पूर्णिमा के दिन चंद्र देव 16 कलाओं से परिपूर्ण होते हैं। ऐसे में इस दिन चंद्र देव की विधिवत पूजा करें। एक लोटे में जल में थोड़ा सा दूध मिलाकर अर्घ्य दें। इसके साथ ही फूल,भोग आदि चढ़ाएं। इसके साथ ही ॐ स्रां स्रीं स्रौं स: चन्द्रमसे नम: मंत्र का जाप करें। ऐसा करने से कुंडली से चंद्र दोष समाप्त हो जाएगा।
पितरों का आशीर्वाद पाने के लिए Bhadrapad Purnima 2023
भाद्रपद पूर्णिमा के समापन के साथ ही पितृपक्ष भी आरंभ हो जाएंगे। इस दिन नदी में स्नान करने के बाद अगस्त्य मुनि का ध्यान करना चाहिए। इसके बाद 5 अंजलि जल लेकर सूर्य और अगस्त्य मुनि को समर्पित करना चाहिए। ऐसा करने से पितर अति प्रसन्न होते हैं।