ज्योर्तिविद कालज्ञ पं. संजय शर्मा ज्योतिष लेखक, ज्योतिष एवं वास्तु परामर्ष , रत्न विशेषज्ञ , प्रेरक (मोटीवेटर) कलर थेरेपिस्ट एवं औरा रीडर 09893129882 , 09424828545 (Paytm , PhonePe , GPay)(Aura Reading by Aura Scanning Device) 11, न्यू एम.आई.जी. मुखर्जी नगर एम.आर. 8, टेलीफोन ऑफिस के सामने देवास म.प्र. 455001
मां शक्ति की आराधना का विशेष पर्व है शारदीय नवरात्र इसमें माता की आराधना करने से विशेष सिद्धियां प्राप्त होती है एवं नवग्रह शांति में भी विशेष लाभकारी होती है । इस वर्ष माता हाथी पर बैठकर आयेंगी जो एक शुभ संकेत माना जाता है मतलब इस बार बारिश अच्छा होगी हर तरफ हरियाली होगी।
मां शैलपुत्री चंद्रमा के लिये , मां ब्रम्हचारिणी मंगल के लिये, मां चंद्रघंटा शुक्र के लिये ,मां कूष्मांडा सूर्य के लिये , मां स्कंदमाता बुध के लिये , मां कात्यायिनी गुरू के लिये , मां कालरात्रि शनि के लिये मां महागौरी राहू के लिये और मां सिद्धिदात्री केतु के लिये ग्रह विशेष को अनुकूल बनाने के लिये प्रत्येक दिन को माता की आराधना करने से ग्रह अनुकूलता प्राप्त होती है ।
शरद ऋतु के महत्वपूर्ण पर्वों में से एक है शारदीय नवरात्र इस वर्ष
26 सितंबर 2022 से प्रारंभ होंगे । गतवर्ष शारदीय नवरात्र 9 दिन के थे पर इस वर्ष नवरात्र 9 दिन के ही होंगे एवं 10 वें दिन ही विजया दशमी का पर्व भी मनाया जावेगा।
नवरात्र में जिन नौ रूपों की पूजा की जाती है वे है शैलपुत्री,ब्रम्हचारिणी , चंद्रघंटा, कूष्माण्डा, स्कंदमाता, कात्यायिनी, कालरात्री, महागौरी,सिद्धिदात्री , सामान्यतः नौ देवियों के नवरात्र नौ दिन ही चलते है ।
इस बार नवरात्र में घटस्थापना 26 सितंबर को होगी और 04 अक्टोबर तक चलेगी एवं विजया दशमी या दशहरा भी 5 अक्टोबर को मनाया जायेगा ।
माताजी की स्थापना के लिये शुभ चौघटिया प्रातः 06 बजकर 17 मिनट से 7 बजकर 47 मिनट तक एवं अमृत, शुभ के चौघटिया प्रातः 09 बजकर 47 मिनट से 10 बजकर 47 मिनट तक रहेगा दोपहर 03 बजकर 17 मिनिट से सायं 6 बजकर 17 मिनिट तक लाभ एवं अमृत।
26 सितंबर सोमवार प्रतिपदा
27 सितंबर मंगलवार द्वितिया
28 सितंबर बुधवार तृतीया
29 सितंबर गुरूवार चतुर्थी
30 सितंबर शुक्रवार पंचमी
01 अक्टोबर शनिवार षष्ठी
02 अक्टोबर रविवार सप्तमी
03 अक्टोबर सोमवार अष्टमी
04 अक्टोबर मंगलवार नवमी
05 अक्टोबर बुधवार दशहरा
देवि आराधना का प्रमुख पर्व है नवरात्र आराधना करने के अलग अ़लग लोगों की अलग अलग विधि होती है , कुछ लोग माताजी की ज्योत लगाते है , कुछ लोग घट में ज्वारे लगाते है , कुछ लोग पार्थिव प्रतिमा को स्थपित करते है , कुछ लोग रात्रि जागरण करते है , कुछ लोग गरबा करते है , कुछ लोग पूजा पाठ करते है , कुछ लोग सप्तशती , का पाठ करते है , कुछ लोग व्रत रखते है , कुछ लोग जाग्रत मंदिरों के दर्शन करते है , कई लोग इनमें से एक से अधिक विधियों में सम्मिलित रहते है । इस प्रकार की गतिविधि प्रायः पूरी नवरात्र में चलती रहती है ।
सामान्यतः देवी आराधना की सबसे प्रमुख विधि होती है पूजा पाठ सप्तशती के माध्यम से देवी आराधना। सप्तशती की पाठ के तीन भाग होते है। पहला है प्रथम चरित्र जो कि माता महाकाली की आराधना के लिये होता है इसमें सप्तशती का एक अध्याय होता है जिसमे 104 श्लोक होते है । दूसरा है मध्यम चरित्र यह माता महालक्ष्मी की अराधना के लिये होता है इसमें सप्तशती के 3 अध्याय होते है दूसरा, तीसरा , चौथा अध्याय इसमें कुल 155 श्लोक होते है तीसरा है उत्तर चरित्र इसमें पांचवे से लगाकर 13 वे तक कुल 9 अध्याय होते है , इसमें माता महासरस्वती की अराधना होती है । नारायणी स्तुति , फलश्रुति , और वरप्रदान भी इन्ही अध्यायों में सम्मिलित होते है , इसमें कुल 441 श्लोक होते है ।
पूजा विधि का क्रम इस प्रकार होता है एक लकडी के पाट को स्वच्छ करने के बाद उस पर रक्त वस्त्र को बिछावें उस पर कुछ गेहूं रखें उस पर एक कलश रखें , कलश में शुद्ध जल भरें , इसी में पांच आम के पत्ते एवं एक नारियल रखें कलश के पीछे माता भुवनेश्वरी का एक चित्र रखे उसके पश्चात माता की स्थापना करें पूर्ण भक्तिभाव के साथ तदोपरान्त कवच, अर्गला, एवं कीलक मंत्रों के पाठ करें इसके पश्चात शापविमोचन मंत्र का पाठ करें फिर सिद्धिकुजिका स्त्रोत्र का पाठ करते है , अंत में सप्तशती का पाठ करते है आरती करते है।
नवरात्रि में पान के पत्ते के 10 सटीक, सरल और अचूक उपाय….
1. नवरात्रि पर एक पान के पत्ते पर गुलाब की पंखुड़ियां रखकर मां दुर्गा को अर्पित करें। यह उपाय धन के आगमन को सरल करने के लिए सबसे सटीक है।
2. नवरात्रि के मंगलवार के दिन एक साबूत पान का पत्ता लेकर उसमें लौंग और इलायची रखें। उसका बीड़ा बना लें। हनुमान मंदिर में जाकर यह बीड़ा अर्पित कर दें। कर्ज की समस्या से छुटकारा पाने का यह अचूक उपाय है।
3.पान के पत्ते पर दो दो लौंग रखकर दोनों हाथों से जल में प्रवाहित कर दें। बरसों से कोई ख्वाहिश अधूरी है वह पूरी होगी इस सरल उपाय से।
4. पान के पत्ते की चिकनी तरफ सिंदूर से श्रीराम लिखें और नवरात्रि में आने वाले मंगलवार को हनुमान जी के समक्ष अर्पित करें। याद रखें कि इसे हनुमान जी के चरण में न रखें क्योंकि हनुमान जी श्रीराम के अनन्य भक्त हैं वे अपने चरणों में प्रभु श्रीराम को नहीं देख सकते। अतः पान के पत्ते को सिर्फ उनके सामने रख दें या आशीर्वाद की मुद्रा वाले हाथ पर चिपका दें। यह उपाय जिंदगी की सुख शांति और समृद्धि के लिए सटीक है।
5. अगर मनचाही तरक्की रूक रही है तो एक पान का पत्ते के दोनों तरफ सरसों का तेल लगाएं और इसे नवरात्रि में मां दुर्गा को अर्पित करने के बाद अपने सिर के पास रखकर सो जाएं। अगले दिन सुबह उठकर पान के पत्ते को किसी दुर्गा मंदिर के पीछे रख दें, फेंके नहीं। यह उपाय आपकी तरक्की के रास्ते खोलेगा।
6. जिन लोगों का व्यापार मंदी में है वे 9 दिनों तक नियम से 1 ही समय पर पान का बीड़ा मां दुर्गा के मंदिर में जाकर अर्पित करें। ध्यान रहे कि एक ही सुनिश्चित समय तय कर लें। मां दुर्गा आपके सफल व्यापार के लिए प्रसन्नतापूर्वक आशीष प्रदान करेंगी।
7. अगर आप अपनी आकर्षण शक्ति और प्रभावशीलता बढ़ाना चाहते हैं तो 9 दिन तक प्रातः 4 से 6 के बीच मां भुवनेश्वरी और सौभाग्यसुंदरी का ध्यान कर पान के पत्ते की जड़ को घिसकर उसका तिलक करें। ऐसा करने से आपकी बात का महत्व बढ़ेगा और खूबसूरती में वृद्धि होगी।
8. दरिद्रता और घोर आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं तो नवरात्रि के आरंभिक 5 दिन 1 पान के पत्ते पर ह््रीं लिखकर मां दुर्गा को अर्पित करें और महानवमी के बाद उन 5 पान के पत्तों को अपने पैसे रखने वाली जगह पर रख लें। यह उपाय निश्चित रूप से आपकी आर्थिक समृद्धि को तेजी से बढ़ाएगा।
9.घर में नकारात्मक ऊर्जा का वास रहता है, घर की शांति प्रभावित हो रही है तो नवरात्रि में 9 दिनों तक पान के पत्ते पर केसर रखकर दुर्गा स्तोत्र और दुर्गा जी की नामावली का पाठ करें। आपके घर की सभी नकारात्मक ऊर्जा समाप्त हो जाएगी। नवरात्रि से दुर्गा चालीसा कंठस्थ कर लें और हर दिन घर से निकलते समय उसका पाठ करें। प्रति मंगलवार या रविवार परिवार के सदस्य पान का सेवन करें।
10.संतान के अभिलाषी है तो नवरात्रि के पांचवे दिन स्कंदमाता को 9 पान अर्पित करें और 9 सुहागन संतानवती स्त्री को समस्त सुहाग सामग्री के साथ भेंट करें।
ज्योर्तिविद कालज्ञ पं. संजय शर्मा
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