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1985 के बाद फिर मंगल-राहु की युति से बनेगा अंगारक योग

अब ग्रहों के सेनापति मंगल देव 27 जून को अपनी ही राशि मेष में गोचर करने जा रहे हैं। मेष राशि में राहु ग्रह पहले से ही विराजमाम हैं। ऐसे में मंगल और राहु की युति बनने जा रही है।

वैदिक ज्योतिष के अनुसार हर माह कोई न कोई ग्रह राशि बदलकर दूसरी राशि में भ्रमण करते हैं। जब भी ग्रहों का राशि परिवर्तन होता है तब इसका प्रभाव सभी जातकों के जीवन पर पड़ता है। जून के माह में कई ग्रहों का राशि परिवर्तन हो चुका है। पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास ने बताया कि अब ग्रहों के सेनापति मंगल देव 27 जून को अपनी ही राशि मेष में गोचर करने जा रहे हैं। मेष राशि में राहु ग्रह पहले से ही विराजमाम हैं। ऐसे में मंगल और राहु की युति बनने जा रही है।

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मंगल-राहु की यह युति अंगारक योग का निर्माण करती है। वैदिक ज्योतिष में इस अंगारक योग को शुभ नहीं माना जाता है। अंगारक योग के दौरान कई तरह परेशानियां और विपत्तियों का सामना करना पड़ता है। ज्योतिष में मंगल ग्रह को अग्नि तत्व का कारक माना गया है जबकि राहु ग्रह को अशुभ ग्रह माना गया है। यह योग बुधवार 10 अगस्त रात्रि 9:08 पर मंगल के वृषभ राशि में प्रवेश करने के साथ समाप्त होगा।

ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास ने बताया कि 27 जून को मंगल का राशि परिवर्तन होगा। जिससे विवाद बढ़ने के योग हैं। खासतौर से मेष, वृष, सिंह, कन्या, तुला, धनु, मकर और मीन राशि वालों को संभलकर रहना होगा। इन राशियों के लोगों को बेवजह गुस्सा आएगा। जिससे विवाद की स्थितियां भी बनेंगी। इन राशियों के लोगों को इसलिए संभलकर रहना होगा क्योंकि मेष राशि में मंगल के आने से 37 साल बाद फिर से अंगारक योग बनेगा। जिससे लड़ाई, झगड़े, धन हानि, कर्जा, चोट और दुर्घटनाएं होने की आशंका है। इस अशुभ योग का असर सभी राशियों के साथ देश-दुनिया पर भी पड़ेगा। अंगारक योग के दुष्प्रभाव देश दुनिया पर पड़ेंगे। सैन्य कार्रवाई देखने को मिलेगी, उत्पादन पर भी असर पड़ेगा।

अंगारक योग 10 अगस्त तक रहेगा

कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास ने बताया कि 27 जून को मंगल अपनी ही राशि यानी मेष में प्रवेश करेगा। जहां पहले से ही पाप ग्रह राहु बैठा हुआ है। इन दोनों ग्रहों की युति होने से मेष राशि में अंगारक योग बन जाएगा। जो कि 10 अगस्त तक रहेगा। इससे पहले मार्च 1985 में ऐसा हुआ था जब मेष राशि में मंगल और राहु की युति बनी थी। मंगल को सभी ग्रहों के सेनापति होने का दर्जा मिला है। मंगल, मेष और वृश्चिक राशि का स्वामी है। ये ग्रह अभी खुद की ही राशि में है। जिससे इसका शुभ-अशुभ फल और बढ़ जाएगा। वहीं, राहु को पाप ग्रह माना जाता है। जो कि मंगल के साथ मिलकर पागल हाथी की तरह फल देता है। यानी ऐसी स्थिति बनेगी कि कई लोग इस अशुभ योग के कारण दूसरों के साथ खुद का भी नुकसान कर लेंगे।

प्राकृतिक आपदा की आशंका

भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास ने बताया कि अंगारक योग बनने से कर्जा, खर्चा, बीमारी, धन हानि और विवाद बढ़ते हैं। इसलिए सभी राशियों के लोगों को इन मामलों में संभलकर रहने की जरूरत है। इस अशुभ योग की वजह से प्राकृतिक आपदाएं आने की भी आशंका बन रही है। इनमें खासतौर से भूकंप, बिजली गिरना, आगजनी, लैंड स्लाइड, सड़क, पुल धंसने और बाढ़ आने के योग बनेंगे। वहीं देश में दंगे हो सकते हैं। कई जगहों पर उपद्रव और विरोध प्रदर्शन भी होगा। अंगारक योग बनने से हिंसक घटनाओं, आतंकी गतिविधियों, राजनीतिक-उठापटक तथा बड़ी दुर्घटनों से जन-धन की हानि का ज्योतिषीय संकेत मिल रहे हैं। मंगल और राहु की यह युति इसलिए भी बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि वक्री होकर शनि कुंभ राशि में गोचर करते हुए अपनी तीसरी दृष्टि से देखकर इसे ओर अधिक अशुभ बना रहे होंगे। शनि की कुंभ राशि से मेष राशि के गोचरस्त मंगल पर यह तीसरी दृष्टि 27 जून से 12 जुलाई तक ही रहेगी क्योंकि 12 जुलाई की सायं सूर्यास्त के बाद शनि मकर राशि में वक्री हो कर प्रवेश कर जाएंगे। मेष राशि के मंगल पर शनि की दृष्टि होने के चलते मेष राशि से प्रभावित भारत के पूर्वी हिस्से (असम, अरुणाचल आदि) में भारी वर्षा से जन धन की हानि हो सकती है।

करें पूजा-पाठ और दान

भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास ने बताया कि मंगल के अशुभ असर से बचने के लिए हनुमानजी की पूजा करनी चाहिए। लाल चंदन या सिंदूर का तिलक लगाना चाहिए। तांबे के बर्तन में गेहूं रखकर दान करने चाहिए। लाल कपड़ों का दान करें। मसूर की दाल का दान करें। शहद खाकर घर से निकलें। हं हनुमते नमः, ऊॅ नमः शिवाय, हं पवननंदनाय स्वाहा का जाप करें। हनुमान चालीसा का पाठ अवश्य करें। मंगलवार को बंदरों को गुड़ और चने खिलाएं।

विश्वविख्यात भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास से जानते हैं मंगल का मेष राशि में गोचर का सभी 12 राशियों पर प्रभाव।

मेष: पराक्रम में वृद्धि के साथ सम्मान बढ़ेगा।
वृषभ: शत्रुओं से रहें सावधान
मिथुन: यश और प्रतिष्ठा बढ़ेगी।
कर्क: कार्यक्षेत्र में होगी उन्नति।
सिंह: धार्मिक यात्रा के बनेंगे योग।
कन्या: व्यर्थ के विवादों से बचें।
तुला: व्यापार क्षेत्र से होगा बड़ा लाभ।
वृश्चिक: शत्रु पर मिलेगी। विजय शुभ समय का होगा आरंभ।
धनु: अचानक धन लाभ के बनेंगे योग।
मकर: स्वास्थ्य का रखें ध्यान।
कुंभ: स्थान परिवर्तन के बन रहे हैं योग।
मीन : खर्चों की रहेगी अधिकता।

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