राम चबूतरे और बाबरी मस्जिद के रास्ते ऐसे हुए थे अलग-अलग, बना दी गई थी दीवार
ram mandir history अंग्रेजों के हस्तक्षेप के बाद कुछ समय के लिए शांत हुई थी हिंसा, मुस्लिमों को मस्जिद के अंदर और हिंदुओं को बाहर दी गई थी जगह
ram mandir history श्री राम जन्मभूमि पर मंदिर तोड़ने से लेकर बाबरी मस्जिद बनाए जाने के बाद तक कई बार हिंदू-मुस्लिम विवाद हुए। सांप्रदायिक तनाव अयोध्या में कुछ वर्षों तक आम हो चुका था। ऐसे में कई बार स्थिति इतनी बिगड़ी कि दोनों पक्षों के कई लोगों की जान तक चली गई। इस तनाव को कम करने के लिए पास-पास होने के बावजूद दोनों धार्मिक स्थानों के रास्ते अलग-अलग कर दिए गए थे। ram mandir history आइए जानते हैं कि किसने, कब और क्यों किया था ऐसा ….
1859 में अंग्रेजों ने शुरू किया हस्तक्षेप ram mandir history
हनुमानगढ़ी मंदिर को लेकर मुस्लिमों का दावा गलत साबित होने के बाद निहंग सिख मस्जिद में घुसे थे और हवन कर डाला। इस घटना के बाद हालात हर रोज तनावपूर्ण होने लगे थे। ram mandir history इन सभी बातों को ध्यान में रखकर अंग्रेजों ने पहली बार इस मामले में प्रत्यक्ष हस्क्षेप किया और मंदिर-मस्जिद को लेकर बिगड़ते हालातों को देखते हुए 1859 में मुसलमानों को ढांचे के अंदर का हिस्सा और हिंदुओं को बाहर की जगह दी गई।
हिंसा भड़कने का डर
चबूतरे और मस्जिद के रास्ते को दीवार बनाकर अलग कर दिया ताकि किसी तरह का विवाद न हो। दीवार बनाने के बाद कुछ दिनों तक शांति रही लेकिन फिर भी कई बार हिंसा भड़कने का डर बना रहा। ram mandir history दोनों धर्म के लोगों के साथ अंग्रेजों ने इस मामले को लेकर कई बार बात की लेकिन कोई निराकरण नहीं निकला और तनाव बरकरार रहा।