Chhath Puja 2023 छठी मैया को भूलकर भी 3 चीजें कभी मत चढ़ाना घोर पाप लगता है ऐसी पूजा कभी मत करना
ऐसी कौन सी महिलाएँ है जिन्हें छठ पूजा नहीं करनी चाहिए लगता है घोर पाप और व्रत टूट जाता है छठ मैया क्रोधित हो जाती है दोस्तों छठ व्रत ऐसी महिलाएं गलती से भी ना रखें अन्यथा आपकी संतान की मृत्यु हो सकती है।
दोस्तों अगर आप सच में छठी मैया की कृपा पाना चाहते हैं तो कमेंट बॉक्स में लिखें, जय हो छठी मैया की छठी मैया का आशीर्वाद आपके परिवार पर सदैव बना रहे माँ के लिए एक लायक तो बनता है। मैं छठी मैया की सौगंध खाता हूँ मैं छठी मैया की सौगंध खाता हूँ यदि आपने छठ पूजा में यह कार्य कर लिया यह उपाय कर लिया तो आपको दुनिया की कोई भी ताकत करोड़पति होने से रोक नहीं पाएगी।
यह कार्य ज़रूर करता है और छठ पूजा में छठ व्रत में गलती कभी मत करना। दोस्तों छठ पूजा में छठी मैया को ये तीन चीजें कभी मत चढ़ाना भूलकर भी ऐसी छठ पूजा कभी मत करना। घोर पाप लगता है। और व्रत टूट जाता है। छठी मैया क्रोधित हो जाती है। दोस्तों आगे बढ़ने से पहले हमारे channel को जरूर subscribe करें। और इस bell icon को दबाना ना भूलें।
दोस्तों हिंदी पंचांग के अनुसार छठ हर वर्ष कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी यानी छठी तिथि पर मनाया जाता है। ये दीपावली के छह दिन बाद पड़ता है जो नहाए खाए की परंपरा से प्रारंभ होता है ये व्रत करने वाले व्रतधारी छत्तीस घंटे तक निर्जला व्रत रखते है जिसके बाद छठी मैया की आराधना और सूर्य देव को अर्घ्य देने के बाद इस व्रत का समापन किया जाता है दोस्तों सबसे पहले हम ये जानते है कि ऐसी कौन सी महिलाएँ है जिन्हें छठ पूजा नहीं करनी चाहिए लगता है घोर पाप और व्रत टूट जाता है छठ मैया क्रोधित हो जाती है दोस्तों छठ व्रत ऐसी महिलाएं गलती से भी ना रखें अन्यथा आपकी संतान की मृत्यु हो सकती है।
पति पर भारी संकट आ सकते हैं उल्टा आप पाप के भागीदार बन सकते हैं। ऐसी महिलाएं छठ पूजा से रहे दूर दोस्तों कार्तिक मास की सृष्टि को छत मनाई जाती है। छठे दिन पूजी जाने वाली सृष्टि को बिहार में आसान भाषा में छठी मैया कहकर पुकारते हैं। यह त्यौहार अपितु महाराष्ट्र, झारखंड, उत्तर प्रदेश तथा पश्चिम बंगाल में भी मनाया जाता है। मान्यता है कि छठ के दौरान पूजी जाने वाली ये माता सूर्य भगवान की बहन है इसीलिए लोग सूर्य को अर्घ्य देकर छठ मैया को प्रसन्न करते हैं वहीं पुराणों में माँ दुर्गा के छठे रूप कात्यानि देवी को भी छठ माता का ही रूप माना जाता है छठ मैया को संतान देने वाली माता के नाम से भी जाना जाता है मान्यता है कि ये पर्व संतान के लिए मनाया जाता है खासकर वो जोड़े जिन्हें संतान की प्राप्ति नहीं हुई है तो वो छठ का व्रत रखते हैं वहीं सभी अपने बच्चों की सुख शांति के लिए मनाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कुछ ऐसी महिलाएं भी हैं जिन्हें छठ पूजा का व्रत गलती से भी नहीं रखना चाहिए। ये सबसे बड़ा घोर पाप माना जाता है। महिलाएं ऐसी गलती कभी ना करें तो चलिए जानते हैं।
देखिए सबसे पहले अपनी राशि comment box में जरूर डाल दीजिएगा। यदि आपकी राशि के अनुसार हमारे पास कोई उपाय होगा तो वह आकर हम आपके comment के reply में बता देंगे। और हाँ एक like जरूर करें, जय हो। छठी मैया की। दोस्तों शास्त्रों के अनुसार जो लोग अधूरी शादी करते हैं वो शास्त्र का अपमान करते हैं। अधूरी शादी जैसे कि कोर्ट मैरेज और शादी के बिना ही संतान की उत्पत्ति कर देना सबसे बड़ा पाप है। ऐसे में छठ पूजा का व्रत ऐसे लोगों को अपनी संतान के लिए कभी नहीं रखना चाहिए। क्योंकि आपने हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार सात फेरे नहीं लिए हैं। और वहीं बिन शादी के जब ऐसे लोग साथ में रहते हैं तो समाज में ऐसा रिश्ता कलंकित होता है, दोस्तों बहुत से लोग ऐसे हैं जो भाग कर शादी करते और परिवार को दुखी कर देते हैं, माता-पिता को समाज में कलंकित कर देते हैं, माता-पिता को रुलाते हैं, परिवार को रुलाते हैं, समाज को बदनाम करते हैं ऐसे लोग पूरे जन-जीवन समस्त संसार के लिए श्रापित हैं देखिए परिवार को रुलाकर हमेशा रिश्ते अनर्थ ही होते हैं, रिश्ते जुड़ते नहीं हैं इसीलिए जो लोग भाग कर शादी करते हैं और कोर्ट मैरिज कर लेते हैं, सात फेरे नहीं लेते हैं, हिंदू रीती-रिवाज के साथ शादी नहीं करते विवाह नहीं करते तो के लिए यह व्रत उचित नहीं है। सात फेरे का मतलब होता है आपने अग्नि देव का आशीर्वाद लिया। तैंतीस कोटि देवी देवता का आशीर्वाद लिया, माँ-बाप का आशीर्वाद लिया। परिवार का आशीर्वाद लिया, समाज को सम्मान दिया, मतलब अब आप पूज्य योग्य हैं, आप भगवान की सेवा कर सकते हैं, आप कोई भी व्रत आदि घमंड के साथ कर सकते हैं, यदि जिस स्त्री को हल्दी ना लगी हो, जिस पुरुष को हल्दी ना लगी हो, ऐसा विवाह भी अशुभ होता है।
शादी में हल्दी अवश्य आना चाहिए। तभी ही आप व्रत आदि रख सकते हैं, पूजा पाठ कर सकते हैं, किसी भी मांगलिक कार्य में आप शामिल हो सकते हैं, इसीलिए ऐसी स्त्री किसी भी धार्मिक कार्य में तभी सफल व शामिल हो सकती हैं, जब वो अग्नि के साथ फेरे ले लें, ऐसी शादी को ही शास्त्रों में सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। ऐसे में अगर आपकी अधूरी शादी है तो आप छठ पूजा कभी ना करें। आपके ऐसा करने से छठी मैया का अपमान माना जाएगा और आपको पाप लग सकता है। दोस्तों शास्त्रों के अनुसार इस व्रत को सच्चे मन से रखना चाहिए, अगर कोई महिला शौक में यानी बेमन से इस व्रत को रखती है, तो उसके पति या संत मृत्यु या उनपर कष्ट आ सकते है सच्ची श्रद्धा के साथ छठ पूजा का व्रत रखना चाहिए इस व्रत के सफल होने से संतान सुख की प्राप्ति होती है संतान को कष्ट कभी नहीं आते छठी मैया करती है रक्षा घर परिवार होता है खुशहाल जो लोग छठ पूजा करते है तो छठी मैया उनके इर्द-गिर्द उनके घर के आसपास सदैव घूमती रहती है उनकी रक्षा करती है उनकी संतानों की रक्षा करती है जो बांझ महिलाएं है उन्हें संतान सुख की प्राप्ति देती है