रायगढ़ के बाबा का ये सच हैरान कर देगा
रायगढ़ के बाबा का ये सच हैरान कर देगा
बाबा सत्यनारायण पिछले 25 वर्षों से एक ही जगह पर बैठे हुए हैं.
बाबा सत्यनारायण पिछले 25 वर्षों से एक ही जगह पर बैठे हुए हैं.
सत्यनारायण बाबा देवरी डूमरपाली नामक गांव के मूल निवासी हैं,
सत्यनारायण बाबा देवरी डूमरपाली नामक गांव के मूल निवासी हैं,
जिनका जन्म 12 जुलाई 1984 में हुआ था.
जिनका जन्म 12 जुलाई 1984 में हुआ था.
इनके पिता का नाम दयानिधी एवं उनके माता का नाम हंसमती है.
इनके पिता का नाम दयानिधी एवं उनके माता का नाम हंसमती है.
माता पिता ने बालक का नाम हलधर रखा था
माता पिता ने बालक का नाम हलधर रखा था
उनकी माता ने बताया कि सत्यनारायण बचपन से ही भगवान शिव के भक्त थे.
उनकी माता ने बताया कि सत्यनारायण बचपन से ही भगवान शिव के भक्त थे.
वे गांव में स्थित शिव मंदिर में 7 दिनों तक लगातर तपस्या करते रहे.
वे गांव में स्थित शिव मंदिर में 7 दिनों तक लगातर तपस्या करते रहे.
16 फरवरी 1998 को हलधर घर से स्कूल के लिए निकले एवं अपने गांव से लगभग 18 किलोमीटर दूर कोसमनारा गांव में तप करने बैठ गए.
16 फरवरी 1998 को हलधर घर से स्कूल के लिए निकले एवं अपने गांव से लगभग 18 किलोमीटर दूर कोसमनारा गांव में तप करने बैठ गए.
इसी दिन से बाबा एक पत्थर को शिवलिंग मानकर अपनी जीभ काटकर शिव तपस्या में लीन हो गए.
इसी दिन से बाबा एक पत्थर को शिवलिंग मानकर अपनी जीभ काटकर शिव तपस्या में लीन हो गए.
यहीं से उनके बाबा सत्यनारायण बनने की कहानी शुरू हुई.
यहीं से उनके बाबा सत्यनारायण बनने की कहानी शुरू हुई.
उस दिन से लेकर आज तक बाबा उसी स्थान पर बैठकर तप कर रहे हैं.
उस दिन से लेकर आज तक बाबा उसी स्थान पर बैठकर तप कर रहे हैं.
शिवलिंग के पास बाबा की अनुमती से धुनि प्रज्जावलित की गई.
शिवलिंग के पास बाबा की अनुमती से धुनि प्रज्जावलित की गई.
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