केदारनाथ मंदिर की कहानी
केदारनाथ मंदिर की कहानी
केदारनाथ मंदिर हिमालय के शिखरों पर स्थित है और उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में है।
केदारनाथ मंदिर हिमालय के शिखरों पर स्थित है और उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में है।
मंदिर को भगवान शिव का स्थान माना जाता है।
मंदिर को भगवान शिव का स्थान माना जाता है।
मंदिर का निर्माण मान्यता के अनुसार पांडवों ने किया था।
मंदिर का निर्माण मान्यता के अनुसार पांडवों ने किया था।
मंदिर के विभिन्न भागों में भगवान शिव की विभिन्न मूर्तियां हैं।
मंदिर के विभिन्न भागों में भगवान शिव की विभिन्न मूर्तियां हैं।
यह मंदिर चार धामों में से एक है और चार धाम यात्रा का एक महत्वपूर्ण स्थान है।
यह मंदिर चार धामों में से एक है और चार धाम यात्रा का एक महत्वपूर्ण स्थान है।
केदारनाथ मंदिर भारत के सबसे प्राचीन मंदिरों में से एक है।
केदारनाथ मंदिर भारत के सबसे प्राचीन मंदिरों में से एक है।
मंदिर का निर्माण उत्तराखंड के शिल्प और स्थानीय वासियों द्वारा किया गया था।
मंदिर का निर्माण उत्तराखंड के शिल्प और स्थानीय वासियों द्वारा किया गया था।
मंदिर के पास मंदिर के चारों ओर के चार धरोहर हैं।
मंदिर के पास मंदिर के चारों ओर के चार धरोहर हैं।
इस मंदिर को भारत के पर्वतीय इलाकों में स्थित होने के कारण बर्फीली चोटियों में बसा हुआ देखने में बहुत खूबसूरत लगता है।
इस मंदिर को भारत के पर्वतीय इलाकों में स्थित होने के कारण बर्फीली चोटियों में बसा हुआ देखने में बहुत खूबसूरत लगता है।
मंदिर के सामने में कुंड होता है जिसे वसुकी कुंड कहते हैं।
मंदिर के सामने में कुंड होता है जिसे वसुकी कुंड कहते हैं।
मंदिर के अंदर स्थित विष्णुपाद मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है।
मंदिर के अंदर स्थित विष्णुपाद मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है।
ये उत्तराखंड का सबसे विशाल शिव मंदिर है. जो पत्थरों के शिलाखंडों को जोड़कर बनाया गया है.
ये उत्तराखंड का सबसे विशाल शिव मंदिर है. जो पत्थरों के शिलाखंडों को जोड़कर बनाया गया है.
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