मोहन एक छोटे से गाँव में रहता था, जहाँ उसका परिवार गरीबी से जूझ रहा था
मोहन के परिवार में हर तरफ़ गरीबी और निराशा का माहौल था
एक दिन, मोहन को पंडित प्रदीप मिश्रा की शिवमहापुराण कथा सुनने की सलाह मिली
शिवमहापुराण कथा ने मोहन के जीवन में नई उम्मीद जगाई
मोहन ने प्रण लिया कि वह रोज़ सुबह शिवलिंग पर जल चढ़ाएगा और " श्री शिवाय नमस्तुभ्यं" का जाप करेगा
धीरे-धीरे उसकी भक्ति का असर दिखने लगा, और उसके जीवन में बदलाव आने लगे
कुछ महीनों में, मोहन का परिवार गरीबी के चंगुल से बाहर निकल गया
मोहन ने महसूस किया कि यह सब भगवान शिव की कृपा और उसकी मेहनत का फल है
यह कहानी सिखाती है कि सच्ची भक्ति और मेहनत से हर मुश्किल को पार किया जा सकता है