Rahu Ketu Remedies राहु और केतु छाया ग्रह हैं, जो व्यक्ति को बुरे परिणाम देते हैं यही वजह है कि लोग राहु और केतु से डरते हैं. राहु और केतु मिलकर कई बुरे दोष व्यक्ति की कुंडली में निर्मित करते हैं. राहु और केतु ही कालसर्प दोष,पितृदोष के लिए जिम्मेदार होते हैं. कालसर्प दोष होने की वजह से व्यक्ति की कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है, शास्त्रों के अनुसार पितृदोष या प्रारब्ध के कारण कालसर्प योग बनता है. कालसर्प योग के 12 प्रकार माने गए हैं.
आज हम आपको राहु और केतु से होने वाले दोषों को खत्म करने के अचूक टोटकों के बारे में जानकारी देंगे, आप अपनी कुंडली के अनुसार इन टोटकों का प्रयोग कर राहु-केतु के बुरे परिणामों को खत्म कर सकते हैं.
राहु और केतु (Rahu Ketu Remedies) व्यक्ति के जीवन में नकारात्मक प्रभाव डालते हैं, काला जादू, तंत्र, टोना, आदि राहु ग्रह के प्रभाव से होता है. कई बार व्यक्ति के जीवन में कुछ घटनाएं अचानक घट जाती हैं इन अचानक घटने वाली घटनाओं के पीछे भी राहु कारक होता है. व्यक्ति के स्वप्न का कारक भी राहु होता है. डरावने सपने आना या व्यक्ति का डर कर जाग जाना राहु का बुरा प्रभाव है.
राहु व्यक्ति को उत्तेजित करता है. जिस व्यक्ति की कुंडली में राहु बुरा प्रभाव देता है उसका दिमाग अशांत बना रहता है, शरीर में अकड़न होती है. व्यक्ति को घबराहट महसूस होती है. यदि आपको ऐसे लक्ष्ण दिखें तो समझ जाएं कि ये राहु के बुरे प्रभाव हैं.
कुंडली में राहु की स्थिति खराब होने पर व्यक्ति पागल तक हो जाता है. व्यक्ति के दुश्मन पैदा हो जाते हैं वो धोखेबाज, बेईमान, शराबी और अय्याश प्रकृति का हो जाता है. राहु के प्रभाव से ग्रसित व्यक्ति अपने जीवन में तरक्की करेगा या नहीं ये कहा नहीं जा सकता है.
राहु व्यक्ति की कुंडली में शुभ स्थान पर होने पर सकारात्मक परिणाम भी देता है. राहु यदि अच्छा हो तो व्यक्ति दौलतमंद होता है, अच्छा साहित्यकार, दार्शनिक, वैज्ञानिक और रहस्यमयी विद्याओं से व्यक्ति को राहु परिपूर्ण कर देता है. राहु अच्छा हो तो व्यक्ति की कुंडली में राजयोग बनता है राहु ग्रह के शुभ परिणाम से लोग पुलिस और प्रशासनिक नौकरी में जाते हैं.
राहु की तरह केतु भी व्यक्ति की कुंडली में गलत जगह पर हो तो नकारात्मक परिणाम देता है केतु को संसार में कुते और चूहे को तौर पर बताया गया है. जैसे कुत्ता घर की रखवाली करता है और चूहा घर को खोखला करता है. चूहे से संबंध रिश्तेदारों से होता है यदि घर में रिश्तेदारों की संख्या ज्यादा है जो घर खोखला कर रहे हों तो इसे केतु का नकारात्मक प्रभाव माना जाता है.
केतु के अशुभ स्थान पर होने पर व्यक्ति की नींध हराम हो जाती है, धन का खर्च बढ़ जाता है. घर में कलह होती है, व्यक्ति को पेशाब की बीमारी, जोड़ों का दर्द, सन्तान उत्पति में रुकावट होने लगती है. बच्चों से संबंधित परेशानी, बुरी हवा या अचानक धोखा होने का खतरा भी केतु के अशुम होने के कारण बना रहता है.
राहु की तरह केतु भी सही स्थान पर बैठा हो तो व्यक्ति को सकारात्मक परिणाम भी देता है. केतु यदि शुभ फल देता है तो व्यक्ति को पद- प्रतिष्ठा प्राप्त होती है,व्यक्ति का रुतबा कायम रहता है, संतान सुख की प्राप्ति होती है केतु मकान, दुकान या वाहन पर ध्वज के समान है.
राहु और केतु ज्यादातर व्यक्ति को अशुभ परिणाम ही देते हैं यदि आपकी कुंडली में राहु खराब है और आपको शुभ परिणाम नहीं दे रहा है तो आप नीचे दिए गए उपायों को कर के राहु के दोषों से मुक्त हो सकते हैं.
राहु ससुराल पक्ष का कारक होता है इसलिए राहु को खराब होने से बचाने के लिए अपने ससुराल से हमेशा अच्छे संबंध रखें. माथे पर तिलक लगाएं, मां सरस्वती की आराधना करें, संभव हो तो घर में चांदी का ठोस हाथी रखें व इसकी पूजा करें, खाना हमेशा भोजन कक्ष में ही खाएं. इन सरल उपायों को कर के आप राहु के बुरे परिणामों से कुछ हद तक निजात पा सकते हैं.
केतु के बुरे प्रभाव से बचने के लिए भी आप सरल उपाय कर सकती हैं केतु का संबंध संतानों से होता है इसलिए केतु की स्थिति सुधारने के लिए अपनी संतानों से अच्छा संबंध रखें. भगवान गणेश की आराधना करें. दो रंग के कुत्ते को रोटी खिलाएं, अपने कान में बाली पहने, इन सरल उपायों को कर के केतु के बुरे परिणामों को कम किया जा सकता है.
राहु और केतु मिलकर कालसर्प दोष का निर्माण करते हैं यदि आप कालसर्प दोष का निवारण करना चाहते हैं तो कुछ आसान उपायों को कर के इसके प्रभाव को कम किया जा सकता है. कालसर्प दोष को दूर करने के लिए श्राद्धपक्ष में अपने पितरों की तृप्ति के लिए काम करें. त्रयंबकेश्वर में कालसर्प दोष की पूजा की जाती है संभव हो तो वहां जाकर एक बार इसकी पूजा करा लें. महामृत्युंजय मंत्र, गायत्री मंत्र, राहु बीज मंत्र या ओम नम: शिवाय का जाप करते रहने से भी इस दोष का निदान होता है. माथे पर चंदन का तिलक लगाने से भी कालसर्प दोष कटता है, घर में थोड़े अनाज को किसी भारी वस्तु से दबाकर रखने, 11 नारियल बहते पानी में विसर्जित करने से भी कालसर्प दोष में कमी आती है. काले-सफेद कुत्ते, गाय और कौवों को रोटी खिलाएं. बुजुर्गों के पैर छुए, बुरी आदतों से दूर रहें, पीपल के पेड़ में जल चढ़ाएं और घर में पूजा पाठ करने से भी व्यक्ति को कालसर्प दोष से राहत मिलती है.