होलिका दहन
🙏🏻॥ तस्मै श्री गुरुवे नमः ।।🙏🏻
सत्यम् शिवम् सुन्दरम्
कर भला हो भला अन्त भले का भला
कर बुरा हो बुरा अन्त बुरे का बुरा
पं. कपिल शर्मा (काशी)
इस वर्ष होली के परम पवित्र पर्व पर सर्वार्थ सिद्ध योग , अमृत सिध्द योग एवं अमृत योग में बनेगा । रात 12 : 24 मिनट तक रहेगी पूर्णिमा तिथि ,उत्तराफाल्गुनी एवं हस्त नक्षत्र ।वृद्धि योग , चन्द्रमा कन्या राशि मे ,सूर्य मीन राशि में,बृहस्पति मकर राशि में रहेंगे। प्रदोष काल में होलिका दहन होगा। इस वर्ष होलिका दहन पर भद्रा का साया नहीं रहेगा |
आचार्य पं. कपिल शर्मा (काशी महाराज) ने बताया 28 मार्च 2021 रविवार को भद्रा दोपहर 1:58 मिनट पर समाप्त हो जाएगी। होलिका दहन सायं काल में सूर्यास्त के बाद किया जाता है। धर्म शास्त्रों की स्पष्ट मान्यता है कि फाल्गुन शुक्ल पूर्णिमा को सूर्यास्त के बाद प्रदोष काल में होलिका दहन शुभ होता है।
सूर्यास्त के बाद 6 घड़ी अर्थात 2 घण्टे 24 मिनट का काल प्रदोष
काल कहलाता है। होलिका दहन विज्ञान सम्मत है प्रज्वलित अग्नि से मानव शरीर व भूमण्डल पर कफ जनक कीटाणुओं का नाश होता है,। यही कफ जनक कीटाणु ही वैश्विक बीमारी कोरोना को बढ़ावा देते है।
प्रदोष काल में होलिका दहन के पूर्व विधि-विधान से होलिका का पूजन करना चाहिए।होलिका दहन के पश्चात होली में साबुत नारियल,पीली सरसों,काली मिर्च, लौंग अवश्य डालनी चाहिये।
होली की रात तंत्र में दारुण रात्रि कही जाती है ।इस महारात्रि में अपने गुरुमन्त्र का जप ,पूजा पाठ अवश्य करना चाहिए।विष्णुसहस्त्रनाम ,गजेन्द्रमोक्ष, रामरक्षास्तोत्र, सुंदरकांड, एवं हनुमानचालीसा का पाठ करना चाहिए।
अगर आप किसी योग्य साधक से दीक्षित नही है तो व्हाट्सएप्प गुरुओ के चक्कर मे पड़कर किसी भी तांत्रिक मन्त्र का जाप नही करे। सरल,सहज,स्तुति प्रार्थना , एवम पौराणिक स्तोत्र आदि का ही पाठ करे।यह युग विज्ञान का युग है होली की रात टोने -टोटके में फसकर अंधविश्वास नही बढ़ाये।
अपने घरों में रहे।
सुरक्षित रहे
कोरोना से बचाव रखे
दो गज दूरी मास्क है जरूरी
रंगों के त्योहार होली की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं
पँ कपिल शर्मा (काशी)