सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित है. भगवान भोलेनाथ की पूजा के लिए किसी खास विधि की जरूरत नहीं होती है,
सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित है. भगवान भोलेनाथ की पूजा के लिए किसी खास विधि की जरूरत नहीं होती है,
कहा जाता है कि वे बहुत भोले हैं और अपने भक्तों की प्रार्थना जल्द ही सुन लेते हैं.
कहा जाता है कि वे बहुत भोले हैं और अपने भक्तों की प्रार्थना जल्द ही सुन लेते हैं.
जानिए वे कौन से फूल हैं, जिनको शिवलिंग पर चढ़ाने से भोलेनाथ प्रसन्न हो सकते हैं.
जानिए वे कौन से फूल हैं, जिनको शिवलिंग पर चढ़ाने से भोलेनाथ प्रसन्न हो सकते हैं.
– माना जाता है कि शिव जी को शमी के फूल, बेला का फूल प्रिय हैं.
– माना जाता है कि शिव जी को शमी के फूल, बेला का फूल प्रिय हैं.
– भगवान शिव की साधना में अलसी के फूल का विशेष महत्व है.
– भगवान शिव की साधना में अलसी के फूल का विशेष महत्व है.
लाल व सफेद आंकड़े के फूल भगवान शिव की पूजा में विशेष रूप से चढ़ाए जाते हैं.
लाल व सफेद आंकड़े के फूल भगवान शिव की पूजा में विशेष रूप से चढ़ाए जाते हैं.
– भगवान शिव को चमेली का फूल बहुत प्रिय है. वेदों में जिक्र आता है कि चमेली के फूल से शिवलिंग की पूजा करने पर मनुष्य के जीवन में सकारात्मकता ऊर्जा का प्रवाह होता है.
– भगवान शिव को चमेली का फूल बहुत प्रिय है. वेदों में जिक्र आता है कि चमेली के फूल से शिवलिंग की पूजा करने पर मनुष्य के जीवन में सकारात्मकता ऊर्जा का प्रवाह होता है.
कनेर का पुष्प भगवान शिव ही नहीं तमाम देवी-देवताओं को अत्यंत प्रिय है. दैविक दृष्टि से इस को भगवान शिव का सबसे प्रिय फूल बताया गया है.
कनेर का पुष्प भगवान शिव ही नहीं तमाम देवी-देवताओं को अत्यंत प्रिय है. दैविक दृष्टि से इस को भगवान शिव का सबसे प्रिय फूल बताया गया है.
मान्यता है कि यदि कोई व्यक्ति अगस्त्य फूल के साथ भगवान शिव की उपसना करता है तो समाज में उसके मान-सम्मान और यश में वृद्धि होती है.
मान्यता है कि यदि कोई व्यक्ति अगस्त्य फूल के साथ भगवान शिव की उपसना करता है तो समाज में उसके मान-सम्मान और यश में वृद्धि होती है.
भगवान शिव की पूजा में हरसिंगार के फूल का विशेष रूप से प्रयोग किया जाता है. हरसिंगार के फूलों को पारिजात या शिउली का फूल भी कहते है.
भगवान शिव की पूजा में हरसिंगार के फूल का विशेष रूप से प्रयोग किया जाता है. हरसिंगार के फूलों को पारिजात या शिउली का फूल भी कहते है.
यह फूल सफेद रंग का होता है और इसमें एक नारंगी रंग की डंडी होती है. रात में खिलने वाले इस फूल को महादेव पर अर्पित करने से साधक के सुख व वैभव में वृद्धि होती है.
यह फूल सफेद रंग का होता है और इसमें एक नारंगी रंग की डंडी होती है. रात में खिलने वाले इस फूल को महादेव पर अर्पित करने से साधक के सुख व वैभव में वृद्धि होती है.
धतूरा भगवान भोलेनाथ को अत्यंत प्रिय है. शिव जी की पूजा में इसके फल और फूल को विशेष रूप से चढ़ाया जाता है.
धतूरा भगवान भोलेनाथ को अत्यंत प्रिय है. शिव जी की पूजा में इसके फल और फूल को विशेष रूप से चढ़ाया जाता है.
मान्यता है कि यदि दुख-दारिद्रय को दूर करना है तो जूही के फूल से भगवान शिव की पूजा करना न भूलें.
मान्यता है कि यदि दुख-दारिद्रय को दूर करना है तो जूही के फूल से भगवान शिव की पूजा करना न भूलें.