दिमाग पढ़ने वाला स्टार्टअप, Neuralink, इतिहास रचने की ओर बढ़ रहा है! इलोन मस्क की इस कंपनी ने पहली बार किसी इंसान के दिमाग में ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफेस इंप्लांट कर के एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है. अब सिर्फ सोचकर मशीनों को नियंत्रित करने का सपना हकीकत बनने की ओर कदम बढ़ा रहा है.
Neuralink इस तकनीक के जरिए लकवे के मरीजों को फिर से चलने-फिरने में मदद करने और अंधे लोगों को रोशनी दिखाने की उम्मीद जगा रहा है. भविष्य में ये दिमाग की पूरी क्षमता को अनलॉक करने की भी क्षमता रखता है! हालांकि, सुरक्षा संबंधी सवाल अभी भी बने हुए हैं, लेकिन कंपनी का दावा है कि ये इंप्लांट इतना सूक्ष्म होगा कि आप इसे महसूस तक नहीं कर पाएंगे.
फिलहाल ये तकनीक अपने शुरुआती दौर में है, लेकिन Neuralink के इस कदम ने दिमाग-कंप्यूटर इंटरफेस के क्षेत्र में क्रांति लाने की संभावना जताई है. आने वाले समय में इस तकनीक का विकास देखना वाकई रोमांचक होगा!
क्या आप सोच सकते हैं कि मशीनों को सीधे अपने दिमाग से कंट्रोल करना कैसा होगा? ये भविष्य अब और दूर नहीं लगता!