हनुमानजी का प्रताप चारों युगों में अद्वितीय है, जानें इसका रहस्य।

हनुमानजी को चारों युगों में यशवंत बताया जाता है, जिनकी कीर्ति व्यापक है और समस्त संसार को प्रकाशित करती है।

उन्हें धर्म की रक्षा के लिए अमरत्व का वरदान मिला था, जिसकी वजह से वे आज भी जीवित हैं और भगवान के भक्तों की सुरक्षा में लगे हैं।

चालीसा में तुलसीदासजी ने उनकी महिमा को चारों युगों में प्रसिद्ध और उजियारा बताया है।

उन्हें भगवान शिव का अवतार माना जाता है, और उन्हें भी अमरत्व का वरदान प्राप्त है।

जब भगवान राम अयोध्या छोड़कर बैकुण्ठ की ओर गए, तो हनुमानजी ने पृथ्वी पर ही रहने की इच्छा व्यक्त की थी।