
(panchak dosha remedies in hindi)
हिंदू धर्म में पंचक को अशुभ माना जाता है। पंचक के बारे में ज्योतिषियों का कहना हैं कि पंचककाल में कोई भी नया या शुभ काम शुरु नहीं करना चाहिए, वरना उस काम में बार-बार रुकावटें आएंगी और सफलता नहीं मिलेगी। इस बार पंचक काल 26 नवंबर रविवार 02.02 बजे से शुरु हो रहा है, जो कि 30 नवंबर गुरुवार 16.13 बजे तक जारी रहेगा। आईए जानते हैं, पंचक काल के दौरान किन बातों से बचें…
अशुभ सितारों का मेल होता है, उस काल को पंचककाल कहा जाता है। ज्योतिषियों के अनुसार पांच सितारे घनिष्ठा, शतभिषा, पूवाज़् भाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद और रेवती एक साथ मिलते हैं, तब पंचककाल शुरु होता है। यह पांच दिन का होता है। हिंदू धर्म में पंचक को कई प्रथाएं हैं, लेकिन ज्योतिषियों के अनुसार कुछ ऐसे काम पंचककाल में नहीं करना चाहिए, जिन्हें आप शुभ मानते हों।
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घर की छत, नया बिस्तर, घर या सुविधा के लिए नया सामान नहीं खरीदें। यहां तक की एक बात ऐसी भी है, जिसे सुन हर कोई चौंक जाता है। वह बात यह है, अगर पंचककाल में किसी की मृत्यु हो जाती है, तो ऐसे में पांच लोगों की मौत हो सकती है। कई बार यह बात सच भी होती देखी गई है।
ये काम भी करें तो मिलते हैं शुभ फल (panchak me kya karna chahiye)
पंचक काल के दौरान कुछ ऐसे काम भी हैं, जो शुभ फल देते हैं। घनिष्ठा और शतभिषा नक्षत्र चल संज्ञक हैं। इनमें चलित काम शुभ फल देते हैं। इस दौरान यात्रा करना, वाहन खरीदना, मशीनरी संबंधित काम शुभ फल प्रदान करते हैं। वहीं उत्तराभाद्रपद नक्षत्र स्थिर संज्ञक नक्षत्र माना जाता हैं। इसमें बीज बोना, गृह प्रवेश, शांति पूजन, जमीन से जुड़े काम में शुभ परिणाम और स्थिरता प्राप्त होती हैं। रेवती नक्षत्र मैत्री संज्ञक होने से इसमें कपड़े, व्यापार से संबंधी सौदे करना, किसी विवाद का निपटारा करना, गहने खरीदना आदि शुभ माना गया हैं।
पंचककाल में मृत्यु पर यह टोटका (panchak kaal 2017 ke tone totke in hindi)
पंचककाल में मृत्यु होने पर एक टोटका किया जाता है। अगर किसी परिवार का कोई व्यक्ति की पंचक काल में मौत हो जाती है, तो वे एक अजीब टोटका करते हैं। बताया जाता है कि यह टोटका करने से पंचककाल का असर खत्म हो जाता है।
पंचक में मृत्यु होने पर शव के साथ 4 पुतले के शव का भी अंतिम संस्कार करते हैं। यह पुतले घांस और आटे के बनाए जाते हैं। पूरे विधि विधान से अपने परिजन के साथ इन चार पुतलों को भी जलाते हैं, ताकि पंचक में अन्य सदस्यों की मौत न हो जाए। कई मामलों में यह टोटका कारगर साबित हुआ है।
पंचक काल में इन कामों से बचें
-पंचककाल में किसी भी प्रकार का ईंधन, घांस या आग को घर में न लाएं। रहने वाले स्थान पर भी न रखें।
-दक्षिण दिशा की ओर यात्रा से बचें। यह दिशा यम की बताई जाती है। कई लोग पंचक में दक्षिण दिशा में यात्रा करने पर यम लोक भी पहुंच गए है। आप ऐसा न करें।
-घर की छत या नवीन निर्माण कार्य को त्यागें।
-घर में कोई भी आराम देने वाली वस्तु, सुविधा प्राप्त करने वाली सामग्री न लाएं।
-बिस्तर न खरीदें।
-किसी भी प्रकार का नया काम शुरू नहीं करें।
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